पाठ 1 - माता का आँचल प्रश्न उत्तर (Ncert Solutions) for Class 10 Hindi

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NCERT Solutions for Class 10 Hindi
(Chapter 1 – माता का आँचल प्रश्न उत्तर, सारांश, व्याख्या)

सारांश – पाठ 1: माता का आँचल

“माता का आँचल” कहानी श्रीलाल शुक्ल द्वारा लिखित एक भावनात्मक रचना है, जिसमें एक छोटे बच्चे के नजरिए से माँ की ममता, सुरक्षा और प्रेम को दर्शाया गया है। कहानी का मुख्य पात्र बच्चा है, जो अपनी माँ की गोद को सबसे सुरक्षित स्थान मानता है। जब वह मेला देखने जाता है, तो वहाँ की भीड़ और आवाज़ों के बीच उसे अपनी माँ की याद आती है। वह डर और बेचैनी महसूस करता है। यह कहानी माँ के आँचल की भावनात्मक और सांस्कृतिक महत्ता को दर्शाती है, जो बच्चे के लिए आश्रय, स्नेह और सुरक्षा का प्रतीक होता है।


पाठ 1: माता का आँचल प्रश्न उत्तर

Updated Solution 2024-2025


प्रश्न अभ्यास

प्रश्न 1 – प्रस्तुत पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बच्चे का अपने पिता से अधिक जुड़ाव था, फिर भी विपदा के समय वह पिता के पास न जाकर माँ की शरण लेता है। आपकी समझ से इसकी क्या वजह हो सकती है?
उत्तर: 1

  1. बालक भोलानाथ का अपने पिता से अधिक जुड़ाव होने के बावजूद, विपत्ति के समय वह माँ की शरण में जाता है।
  2. वात्सल्य प्रेम की महिमा को सभी कवियों ने सराहा है। इसमें बालक का माँ के प्रति स्वाभाविक झुकाव प्रमुख बताया गया है।
  3. बच्चा जन्म से पहले नौ महीने माँ के गर्भ में रहता है, जिससे उसका माँ के साथ गहरा भावनात्मक जुड़ाव होता है। वह माँ के आँचल में स्वयं को सुरक्षित महसूस करता है।
  4. माँ अपनी संतानों के सुख के लिए हर कष्ट सहने को तैयार रहती है।
  5. बालक अपनी गलतियाँ माँ के सामने सहजता से स्वीकार करता है, जबकि पिता से उसे संकोच या भय हो सकता है।

प्रस्तुत पाठ में भोलानाथ अपने पिता से जुड़ाव रखने के बावजूद, साँप देखकर डर के कारण माँ की गोद में छिपता है। यह माँ की सुरक्षा और वात्सल्य की स्वाभाविक महत्ता को दर्शाता है।

प्रश्न 2. आपके विचार से भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों भूल जाता है?

उत्तर: 2

  1. बच्चों का स्वभाव स्वाभाविक रूप से अपने हमउम्र साथियों के साथ रहने, घूमने-फिरने और खेलने में रुचि रखने वाला होता है।
  2. भोलानाथ, जो अपने पिता की गोद में सिसक रहा था, जैसे ही रास्ते में अपने मित्रों को देखता है, उसकी सिसकियां थम जाती हैं। वह तुरंत पिता की गोद से उतरकर अपने दोस्तों के पास जाने की इच्छा जाहिर करता है। भोलानाथ का भी मन अपने मित्रों के साथ खेलने का होता है।

प्रश्न 3. आपने देखा होगा कि भोलानाथ और उसके साथी जब-तब खेलते-खाते समय किसी न किसी प्रकार की तुकबंदी करते हैं। आपको यदि अपने खेलों आदि से जुड़ी तुकबंदी याद हो तो लिखिए।

उत्तर: 3 यहां खेलों से संबंधित तुकबंदी का उदाहरण दिया जा रहा है:

1. कोकला छुपा की, जिम्मे रात आई जे

जो आगे-पीछे देखे, उसकी शामत आई है ।

2. पोषम पा, भई पोषम पा
डाकियों ने क्या किया?
सौ रुपये की घड़ी उठाई,
अब जेल में जाना पड़ेगा।

प्रश्न 4. भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की सामग्री से किस प्रकार भिन्न है?

उत्तर: 4 भोलानाथ और उसके दोस्तों के खेलने के तरीके और खेल सामग्री इस प्रकार थीं:

  1. अपने पिता के साथ कुश्ती करना।
  2. लकड़ी के घोड़े पर सवारी करना।
  3. घर के आंगन के एक कोने में नाटक घर बनाकर, चौकी को मंच बनाकर विभिन्न प्रकार के नाटक खेलना।
  1. मिठाई की दुकान पर ढेले के लड्डू, पत्तों की पूरी कचौरियाँ, गीली मिट्टी की जलेबियाँ और फूटे घड़े के टुकड़ों के बताशे जैसी मिठाइयाँ सजाई जाती थीं, और छोटे-छोटे जस्ते के टुकड़े पैसे बनाने के काम आते थे।
  2. कभी-कभी बालक भोलानाथ और उसके दोस्त घरौंदा भी बनाते थे।
  3. कभी वे खेती करते थे और कसोरे का सूप तैयार करते थे।
  4. कभी वे बरात का जुलूस निकालते थे और कनस्तर से तंबूरे की आवाज़ निकालते थे।
  5. मिट्टी के दीए तराजू की तरह काम करते थे।
  6. इस तरह, बालक भोलानाथ और उसके दोस्त विभिन्न प्रकार के खेल और नाटक खेलते थे, और घर में मौजूद चीज़ों को ही अपने खेल की सामग्री बना लेते थे।
  7. हालांकि, आजकल के बच्चे जो खेल खेलते हैं, वे इनसे पूरी तरह अलग होते हैं, और इन खेलों में उपयोग की जाने वाली सामग्री भी बदल चुकी है।
  8. आज के खेलों में बाजार में मिलने वाली चीज़ें जैसे बैट-बॉल, चिड़ी छिक्का, डॉक्टर सेट, किचन सेट, इंजीनियरिंग सेट, लूडो, कैरमबोर्ड, चेस आदि शामिल हैं। ये सब आजकल के बच्चे खेलों में इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि अब एकल परिवार की परंपरा है, और हर परिवार में एक या दो ही बच्चे होते हैं। अधिकतर माता-पिता अपने बच्चों को घर के अंदर ही खेलने की अनुमति देते हैं, बाहर जाने की नहीं।

प्रश्न 5. पाठ में आए ऐसे प्रसंगों का वर्णन कीजिए जो आपके दिल को छू गए हों।

उत्तर 5- निम्नलिखित कुछ दिल को छूने वाले घटनाएँ हैं- बालक भोलानाथ भोजन करता है, लेकिन उसकी माँ का मन नहीं भरता, और वह बाबू जी से कहती हैं:

  1. “आप छोटे-छोटे कौर उसके मुँह में डालते जाते हैं, इससे वह समझता है कि उसने बहुत खा लिया है, जबकि उसे ढंग से भरपेट खाना खिलाना चाहिए।”
  2. बालक भोलानाथ का हर खेल और नाटक में सक्रिय भागीदारी माँ-बाप के दिल को छू लेती है।
  3. “बाबू जी कभी-कभी मिठाई की दुकान से कुछ गोरखपुरिए पैसे लेकर आते थे।”
  4. जब बच्चे भोजन तैयार करके पंगत लगाते, तो बाबू जी धीरे-धीरे अंत में बैठते और हम सब उन्हें देख हंसी में भाग जाते, जिससे खेल बिगड़ जाता था।
  5. बच्चे जब खेल-खेल में पालकी में दुल्हन लेकर आते, तो बाबू जी उसे देखकर मुस्कुराते और हम सब फिर हँसते हुए भाग जाते।

प्रश्न 6. इस उपन्यास अंश में तीस के दशक की ग्राम्य संस्कृति का चित्रण है। आज की ग्रामीण संस्कृति में आपको किस तरह के परिवर्तन दिखाई देते हैं।

उत्तर 6 –

  1. इस उपन्यास के अंश में तीसरी दहाई की ग्रामीण जीवनशैली का वर्णन किया गया है, जो वर्तमान समय की ग्रामीण संस्कृति से पूरी तरह भिन्न है।
  2. आजकल के गाँवों में छोटे उद्योगों की स्थापना हो चुकी है, और अधिकतर माता-पिता साक्षर हैं। वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए गाँव से शहर भेजते हैं।
  3. माता-पिता के जागरूक होने के कारण, बच्चे अब पहले जैसे सीधे-सादे नहीं रहे। वे अब खाली समय को खेलकूद के बजाय अन्य रचनात्मक कार्यों में लगाते हैं।
  4. माता-पिता अपने बच्चों की देखभाल और पालन-पोषण में पूरी जिम्मेदारी से कार्य करते हैं।

प्रश्न 7. पाठ पढ़ते-पढ़ते आपको भी अपने माता-पिता का लाड़-प्यार याद आ रहा होगा। अपनी इन भावनाओं को डायरी में अंकित कीजिए।

उत्तर 7- पाठ पढ़ते समय मुझे अपने माता-पिता के स्नेह और देखभाल की यादें ताजी हो जाती हैं।

  1. जब मैंने छोटे स्कूल में जाना शुरू किया था, तो गर्मियों में मेरे पिता अक्सर लस्सी, नींबू पानी या आइसक्रीम लेकर स्कूल आते थे। उन्हें आधी छुट्टी का समय मालूम था, और मुझे कुछ ठंडा खिलाकर वह वापस चले जाते थे। मेरी माँ स्कूल में नौकरी करती थीं, जबकि पिताजी मुझे स्कूल में छोड़ने के बाद ग्यारह बजे काम पर जाते थे।
  2. शाम को पिताजी हमें ताश खेलने के लिए समय देते थे।
  3. हर रविवार वे हमें कहीं न कहीं घूमने ले जाते थे।
  4. गर्मी की छुट्टियों में हम हरिद्वार और मसूरी जाते थे, क्योंकि वहाँ हमारी नानी का घर था।
    सचमुच, वे दिन बहुत ही खूबसूरत थे। अब तो जीवन में सिर्फ पढ़ाई ही पढ़ाई नजर आती है, और सब कुछ नीरस सा लगने लगा है।

प्रश्न 8. यहाँ माता-पिता का बच्चे के प्रति जो वात्सल्य व्यक्त हुआ है, उसे अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर 8 – माता-पिता अपने बच्चे भोलानाथ से गहरे प्रेम करते थे।

  1. पिता सुबह जल्दी उठकर भोलानाथ को उठाते, उसे स्नान कराते, तिलक करते और पूजा में बिठाते थे, ताकि उसे अच्छे संस्कार मिल सकें।
  2. वे भोलानाथ को कंधे पर बैठाकर गंगा के किनारे मछलियों को आटे की गोलियाँ खिलाने ले जाते थे।
  3. कभी-कभी वह भोलानाथ को खुश करने के लिए उसके साथ कुश्ती भी करते थे।
  4. भोजन करते वक्त माता-पिता भोलानाथ को तरह-तरह की कहानियाँ सुनाते थे, ताकि वह अधिक खा सके।
  5. भोलानाथ और उसके दोस्तों के हर खेल और नाटक में पिता भाग लेते थे।
  6. पिता अपने बेटे के लिए विद्यालय के शिक्षक से विनम्रता से अनुरोध करते थे।
  7. जब भोलानाथ को साँप दिखाई देता और वह डरकर माँ की गोद में छिप जाता, तो माँ का चिंतित होना उसके वात्सल्य प्रेम को व्यक्त करता था।

प्रश्न 9, ‘माता का आँचल शीर्षक की उपयुक्तता बताते हुए अन्य शीर्षक सुझाइए।

उत्तर 9 –

  1. किसी भी उपन्यास या कहानी का शीर्षक प्रायः उस घटना, समय, स्थान या वातावरण से जुड़ा होता है, जिस पर कहानी आधारित होती है।
  2. ‘माता का अंचल’ उपन्यास का शीर्षक भी इसी प्रकार कहानी की एक महत्वपूर्ण घटना से जुड़ा हुआ है।
  3. इस उपन्यास में बालक भोलानाथ का अधिकतर समय अपने पिता के साथ ही दिखाया गया है, लेकिन जब कोई संकट आता है, तो वह अचानक अपनी माँ के अंचल में शरण लेता है।
  4. बच्चे के लिए उसकी माँ का अंचल सबसे सुरक्षित स्थान होता है, जहाँ वह हर खतरे से बचा महसूस करता है। इसलिए, ‘माता का अंचल’ शीर्षक पूरी तरह से उपयुक्त है। इसके स्थान पर एक और उपयुक्त शीर्षक ‘वात्सल्य प्रेम’ हो सकता है।

प्रश्न 10. बच्चे माता-पिता के प्रति अपने प्रेम को कैसे अभिव्यक्त करते हैं?

उत्तर 10 – बच्चे अपने माता-पिता के प्रति प्रेम को इस तरह व्यक्त करते हैं:

  1. छोटे बच्चे अक्सर रोकर अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।
  2. वे हर कार्य में अपने माता-पिता से समर्थन और आश्वासन की उम्मीद करते हैं।
  3. कभी-कभी वे कोई गलती करने पर माँ से चिपककर अपनी माफी और प्रेम व्यक्त करते हैं।
  4. माँ का पकाया हुआ खाना खाकर वे अपना प्यार जताते हैं।
  5. वे अपने खेल में माता-पिता को शामिल करके उनके साथ समय बिताने की कोशिश करते हैं।

प्रश्न 11. इस पाठ में बच्चों की जो दुनिया रची गई है वह आपके बचपन की दुनियाँ से किस प्रकार भिन्न है?

उत्तर 11 – इस पाठ में जो बच्चों की दुनिया दिखाई गई है, वह हमारे बचपन की दुनिया से कई तरीकों से अलग है:

  1. हमारे माता-पिता के पास उतना समय नहीं था, जितना भोलानाथ के माता-पिता के पास था।
  2. हमारे माता-पिता ने कभी हमें भोलानाथ की तरह तिलक नहीं किया और न ही हमारे सिर को तेल से पोछा।
  3. भोलानाथ जो खेल और नाटक खेलता था, वे हमारे समय में नहीं होते थे। जब हम छोटे थे, तो हमारे माता-पिता हमें नए-नए खेल के सामान लाकर देते थे, जिन्हें हम कमरे में बैठकर ही खेलना पसंद करते थे।
  4. हम भोलानाथ की तरह बाहर जाकर नहीं खेलते थे।

प्रश्न 12. फणीश्वर नाथ रेणु और नागार्जुन की आँचलिक रचनाओं को पढ़िए।

उत्तर 12 – फणीश्वरनाथ रेणु और नागार्जुन दोनों ही हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण लेखक हैं, जिनकी रचनाओं ने भारतीय समाज और संस्कृति को गहरे तरीके से प्रतिबिंबित किया है।

  1. फणीश्वरनाथ रेणु:
    • फणीश्वरनाथ रेणु की प्रमुख रचनाएँ मैला आँचल” और जोमरे का फूल” हैं। उनकी लेखनी में ग्रामीण जीवन की सच्चाइयाँ, गरीबों की संघर्ष, और समाज की विषमताएँ प्रमुख रूप से दिखाई देती हैं। वे सरल और बोधगम्य भाषा में समाज के कमजोर वर्गों की समस्याओं को प्रस्तुत करते हैं। उनका साहित्य ग्रामीण भारत की सजीव चित्रण करता है और प्रकृति, संस्कृति, और सामाजिक ताने-बाने को उकेरता है।
  2. नागार्जुन:
    • नागार्जुन की रचनाएँ सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से बहुत प्रभावशाली रही हैं। उनकी प्रमुख काव्य रचनाएँ प्रसाद” और चरणों में वर्षा” हैं। वे संघर्ष, विद्रोह और समाज में व्याप्त असमानताओं के प्रति अपनी संवेदनशीलता को व्यक्त करते हैं। नागार्जुन का काव्य समाज की विकृतियों और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाता है। वे अपनी कविताओं के माध्यम से समाज में बदलाव और न्याय की बात करते हैं।

दोनों लेखकों का साहित्य समाज के भीतर व्याप्त असमानताओं और संघर्षों को उजागर करता है, और वे भारतीय समाज को समझने और उससे जुड़ी वास्तविकताओं पर गहरी टिप्पणी करते हैं।


पाठ पर आधारित अन्य प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1. इस कहानी का मुख्य संदेश क्या है?

उत्तर: कहानी “माता का आँचल” का मुख्य संदेश यह है कि माँ का आँचल बच्चों के लिए सुरक्षा और ममता का सबसे बड़ा प्रतीक है। बच्चा अपनी माँ के साथ सुरक्षित महसूस करता है, और माँ का आँचल उसे भावनात्मक संतुलन और आत्मविश्वास प्रदान करता है।

प्रश्न 2. मेले में जाने के बाद बच्चे को क्या महसूस होता है?

उत्तर: बच्चे को मेला देखकर खुशी होती है, लेकिन वह वहाँ अपनी माँ से दूर होने के कारण डर और बेचैनी महसूस करता है। उसे माँ की याद आती है और वह समझता है कि माँ का आँचल ही उसका सबसे सुरक्षित स्थान है। यह भावनात्मक जुड़ाव और माँ के साथ उसकी सुरक्षा की आवश्यकता को दर्शाता है।

प्रश्न 3. “माता का आँचल” में आँचल का क्या महत्व है?

उत्तर: “माता का आँचल” में आँचल का महत्व बच्चों के लिए सुरक्षा, प्यार और समर्पण के प्रतीक के रूप में दिखाया गया है। यह न केवल शारीरिक सुरक्षा का प्रतीक है, बल्कि यह बच्चों को मानसिक और भावनात्मक शांति भी प्रदान करता है। माँ का आँचल बच्चों को विश्वास और सांत्वना देता है।

प्रश्न 4. इस कहानी में बच्चे की मानसिक स्थिति को किस प्रकार चित्रित किया गया है?

उत्तर: कहानी में बच्चे की मानसिक स्थिति को बहुत अच्छे तरीके से दिखाया गया है। मेला देखकर उसे बाहरी दुनिया का आकर्षण तो होता है, लेकिन जब वह अपनी माँ से दूर होता है, तो उसे डर और असुरक्षा का एहसास होता है। उसे माँ का आँचल सबसे सुरक्षित और शांतिपूर्ण स्थान लगता है, जो उसकी मानसिक स्थिति को दर्शाता है।

प्रश्न 5. इस पाठ का समाज पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?

उत्तर: इस पाठ का समाज पर गहरा प्रभाव हो सकता है, क्योंकि यह बच्चों और माँ के रिश्ते की अहमियत को उजागर करता है। यह समाज को यह समझाने में मदद करता है कि बच्चों के लिए माँ का प्यार और देखभाल कितनी महत्वपूर्ण है। यह पाठ बच्चों के भावनात्मक विकास और उनके मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समाज की जिम्मेदारी को भी दर्शाता है।

प्रश्न 6. बच्चों के लिए माँ का आँचल किस प्रकार की भावना को जगाता है?

उत्तर: बच्चों के लिए माँ का आँचल एक सुरक्षा कवच की तरह होता है, जो उन्हें प्यार, देखभाल और सुरक्षा का अहसास कराता है। यह भावनात्मक सुरक्षा का प्रतीक है, जिससे बच्चा खुद को दुनिया से अलग-थलग महसूस नहीं करता। माँ का आँचल बच्चों में आत्मविश्वास और शांति का अहसास पैदा करता है।

प्रश्न 7. क्या मेला देखने के बाद बच्चे को खुशी होती है? यदि नहीं, तो क्यों?

उत्तर: बच्चे को मेला देखने में खुशी होती है, लेकिन जब वह अपनी माँ से दूर हो जाता है, तो उसे डर और अकेलापन महसूस होने लगता है। बच्चे के लिए माँ की गोदी और उसका आँचल ही सुरक्षा का असली प्रतीक है। उसे बाहरी दुनिया में सुकून नहीं मिलता, क्योंकि वह अपनी माँ से जुड़ा हुआ महसूस करता है।

प्रश्न 8. “माता का आँचल” कहानी में बच्चे का डर किस तरह से व्यक्त किया गया है?

उत्तर: कहानी में बच्चे का डर यह दर्शाता है कि वह जब अपनी माँ से दूर होता है, तो उसे बाहरी दुनिया अजनबी और डरावनी लगती है। उसकी माँ के आँचल का एहसास ही उसे सुरक्षित और शांतिपूर्ण महसूस कराता है। इस तरह से उसकी मानसिक स्थिति और माँ के साथ उसका जुड़ाव दिखाया गया है।

प्रश्न 9. “माता का आँचल” कहानी का संदेश परिवारों के लिए क्या है?

उत्तर: “माता का आँचल” कहानी यह संदेश देती है कि बच्चों की भावनात्मक सुरक्षा और उनके मानसिक विकास के लिए माँ का प्रेम और ध्यान बहुत महत्वपूर्ण है। यह दर्शाता है कि परिवारों को बच्चों के भावनात्मक पहलुओं को समझना चाहिए और उनका समर्थन करना चाहिए ताकि वे अपने जीवन में मानसिक रूप से स्वस्थ और सुरक्षित महसूस कर सकें।

प्रश्न 10. इस पाठ में लेखक ने बच्चों और माँ के रिश्ते को कैसे दर्शाया है?

उत्तर: लेखक ने बच्चों और माँ के रिश्ते को अत्यंत गहरे और भावनात्मक रूप में दर्शाया है। बच्चे का माँ के प्रति प्यार, विश्वास और निर्भरता स्पष्ट रूप से दिखाया गया है। जब बच्चा अपनी माँ से दूर होता है, तो उसे अपनी माँ का आँचल और उसकी ममता की बहुत याद आती है, जो उसके लिए सुरक्षित और सांत्वना देने वाला होता है। यह दर्शाता है कि माँ का प्रेम बच्चों के लिए जीवन का सबसे अहम हिस्सा होता है।

प्रश्न 11. इस कहानी में बच्चे की माँ के प्रति भावनाओं का क्या महत्व है?

उत्तर: इस कहानी में बच्चे की माँ के प्रति भावनाएँ यह दर्शाती हैं कि माँ का स्थान बच्चे के जीवन में न केवल शारीरिक बल्कि भावनात्मक रूप से भी महत्वपूर्ण है। बच्चे की माँ के प्रति अटूट श्रद्धा और प्रेम उसे सुरक्षा और सांत्वना प्रदान करते हैं। यह संबंध बच्चे को मानसिक रूप से मजबूत बनाने में मदद करता है, जिससे वह अपने डर और चिंताओं से निपटने में सक्षम होता है।

प्रश्न 12. “माता का आँचल” कहानी में सुरक्षा और स्नेह का क्या अर्थ है?

उत्तर: “माता का आँचल” कहानी में सुरक्षा और स्नेह का मतलब है कि माँ का आँचल बच्चों के लिए न केवल शारीरिक सुरक्षा का प्रतीक है, बल्कि यह भावनात्मक और मानसिक शांति का भी स्रोत है। बच्चा अपने जीवन में सबसे ज्यादा संतुलन और खुशी अपनी माँ के पास पाता है, जहाँ उसे कोई डर या चिंता महसूस नहीं होती। यह माँ के प्रति असीम प्रेम और आत्मीयता का प्रतीक है।

प्रश्न 13. बच्चा अपनी माँ के आँचल में क्यों सुकून महसूस करता है?

उत्तर: बच्चा अपनी माँ के आँचल में सुकून महसूस करता है क्योंकि यह उसे न केवल शारीरिक सुरक्षा का अहसास कराता है, बल्कि उसकी भावनाओं और मानसिक स्थिति को भी आराम देता है। माँ का आँचल एक ऐसा स्थान है जहाँ बच्चा बिना किसी चिंता के सुरक्षित महसूस करता है। माँ का प्रेम और देखभाल उसकी भावनात्मक स्थिति को मजबूत करता है और उसे संतुलन प्रदान करता है।

प्रश्न 14. इस कहानी में बाहरी दुनिया से डरने का क्या कारण है?

उत्तर: कहानी में बाहरी दुनिया से डरने का कारण यह है कि बच्चे के लिए दुनिया में सबसे सुरक्षित और प्रिय स्थान उसकी माँ का आँचल है। जब बच्चा माँ से दूर होता है, तो उसे हर चीज अजनबी और डरावनी लगने लगती है। यह दिखाता है कि बच्चों के लिए माँ का प्यार और सुरक्षा सबसे अधिक महत्वपूर्ण होते हैं, और बिना माँ के वह असुरक्षित महसूस करते हैं।

प्रश्न 15. क्या “माता का आँचल” कहानी में समाज के लिए कोई शिक्षा है?

उत्तर: हाँ, “माता का आँचल” कहानी समाज को यह शिक्षा देती है कि बच्चों के लिए माँ का प्यार और संरक्षण सबसे महत्वपूर्ण है। यह कहानी हमें यह समझाती है कि बच्चों की भावनात्मक और मानसिक भलाई के लिए माता-पिता को हमेशा उनका समर्थन करना चाहिए। समाज में बच्चों के मानसिक विकास और उनकी सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी का एहसास बढ़ाना इस कहानी का एक मुख्य उद्देश्य है।

प्रश्न 16. क्या आपको लगता है कि “माता का आँचल” कहानी आज के समय में भी प्रासंगिक है?

उत्तर: हां, “माता का आँचल” कहानी आज के समय में भी पूरी तरह से प्रासंगिक है। आज भी बच्चे अपनी माँ के प्रेम और सुरक्षा में ही खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं। यह कहानी यह बताती है कि बच्चों का मानसिक और भावनात्मक विकास केवल माँ की देखभाल और प्यार से होता है। इसलिए यह संदेश आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना पहले था।

प्रश्न17. कहानी में बच्चे के लिए माँ के आँचल की विशेषता क्या है?

उत्तर: कहानी में माँ के आँचल की विशेषता यह है कि यह केवल सुरक्षा का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह एक शरणस्थली भी है जहाँ बच्चा मानसिक शांति और भावनात्मक सहारा पाता है। माँ का आँचल बच्चे को आत्मविश्वास, विश्वास और सुकून देता है, जिससे बच्चा बाहरी दुनिया के खतरों से खुद को सुरक्षित महसूस करता है।

प्रश्न18. इस पाठ में बच्चा अपनी माँ को क्यों याद करता है?

उत्तर: इस पाठ में बच्चा अपनी माँ को इसलिए याद करता है क्योंकि मेला देखने के दौरान वह अपनी माँ से दूर हो जाता है और उसे सुरक्षा और प्यार की कमी महसूस होती है। उसे बाहर की दुनिया अजनबी और भयभीत करने वाली लगती है, जबकि माँ का आँचल उसे आराम और सुरक्षा का अहसास कराता है।

प्रश्न19. क्या कहानी में केवल बच्चा ही माँ के आँचल से जुड़ा है?

उत्तर: नहीं, कहानी में यह केवल बच्चा नहीं है, बल्कि यह उन सभी बच्चों की स्थिति को दर्शाती है जो माँ के आँचल में सुरक्षा और शांति महसूस करते हैं। माँ का आँचल बच्चों के लिए एक विश्वास और स्नेह का प्रतीक है, जो उनके मानसिक और भावनात्मक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्रश्न20. इस कहानी में बाहरी दुनिया से डरने का प्रतीक क्या है?

उत्तर: कहानी में बाहरी दुनिया से डरने का प्रतीक यह है कि बच्चा जब अपनी माँ से दूर होता है, तो उसे सारी दुनिया अजनबी और डरावनी लगने लगती है। यह दिखाता है कि बच्चे के लिए माँ का आँचल ही वह स्थान है जहाँ वह पूरी तरह सुरक्षित और निश्चिंत महसूस करता है। जब वह वहाँ से दूर होता है, तो उसे असुरक्षा का एहसास होता है।

प्रश्न21. क्या “माता का आँचल” बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने में मदद करता है?

उत्तर: जी हां, “माता का आँचल” बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने में मदद करता है क्योंकि यह उन्हें सुरक्षा, प्यार और विश्वास का अहसास कराता है। जब बच्चे को माँ का समर्थन मिलता है, तो वह बाहरी दुनिया के संघर्षों और चुनौतियों का सामना बेहतर तरीके से कर पाते हैं। माँ का आँचल उन्हें आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाता है।

प्रश्न22. “माता का आँचल” कहानी से हमें कौन सी जीवन शिक्षा मिलती है?

उत्तर: “माता का आँचल” कहानी से हमें यह जीवन शिक्षा मिलती है कि बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए माँ का प्यार और समर्थन अनिवार्य हैं। यह कहानी यह भी सिखाती है कि बच्चों को सुरक्षित और प्रेमपूर्ण वातावरण में पालना चाहिए ताकि वे आत्मविश्वास और संतुलन से जीवन जी सकें।


पाठ 1: माता का आँचल प्रश्न उत्तर

Updated Solution 2024-2025

यह पूरा समाधान 2024-25 के नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार किया गया है। यदि आपको कोई और प्रश्न हैं, तो बेझिझक पूछें! 😊
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