Ncert Solutions for Class 7 - पाठ: 1 - हम पंछी उन्मुक्त गगन के
Ultimate NCERT Solutions for पाठ 1: हम पंछी उन्मुक्त गगन के
“हम पंछी उन्मुक्त गगन के” कक्षा 9 हिंदी की पाठ्यपुस्तक का पहला अध्याय है, जो स्वतंत्रता, आत्मनिर्भरता और खुले आसमान में उड़ान भरने की इच्छा को दर्शाता है। यह अध्याय विद्यार्थियों को न केवल भाषा की समझ देता है, बल्कि उनके सोचने-समझने की क्षमता को भी विकसित करता है। इस लेख में, हम पाठ 1 के Ultimate NCERT Solutions प्रस्तुत कर रहे हैं, जिससे छात्र अपने परीक्षा की तैयारी को बेहतर बना सकें।

पाठ 1. हम पंछी उन्मुक्त गगन के
हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता स्वतंत्रता की भावना को दर्शाती है। यह कविता हमें यह सिखाती है कि हम पंछी उन्मुक्त गगन के समान स्वतंत्र रहना चाहते हैं और किसी भी प्रकार के बंधन को स्वीकार नहीं करते। पक्षियों के लिए खुला आकाश ही उनकी असली दुनिया है, जहाँ वे बिना किसी रोक-टोक के उड़ सकते हैं।
प्रश्न अभ्यास
प्रश्न 1. हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते?
उत्तर – स्वतंत्रता सब को प्रिय होती है। मनुष्य हो या पशु-पक्षी सभी स्वतंत्रता चाहते हैं। स्वतंत्रता प्रिय होने की इसी प्रवृत्ति के कारण हर तरह की सुख-सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद नहीं रहना चाहते।
प्रश्न 2. पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं?
उत्तर- पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी निम्नलिखित इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं-
- पक्षी उड़ते हुए आकाश की सीमा जानना चाहत हैं।
- पक्षी तारे रूपी अनार के दाने चुनना चाहते हैं।
- पक्षी सीमाहीन क्षितिज से प्रतियोगिता करना चाहते है
प्रश्न 3. भाव स्पष्ट कीजिए-
या तो क्षितिज मिलन बन जाता/या तनती साँसों की होगी
उत्तर- भाव-क्षितिज, धरती और आकाश के मिलने काल्पनिक स्थान होता है। पक्षी इस सीमाहीन क्षितिज से प्रतियोगिता करते हुए उड़ना चाहते हैं। ऐसा करते हुए या तो • क्षितिज काल्पनिक न होकर वास्तविक हो जाता या उड़ते-उड़ते उनकी मृत्यु हो जाती ।
परीक्षा की तैयारी के टिप्स
“हम पंछी उन्मुक्त गगन के” कविता की परीक्षा की तैयारी के लिए:
1. कविता के प्रत्येक श्लोक का अर्थ समझें।
2. मुख्य शब्दावली और व्याकरणिक नियमों का अभ्यास करें।
कविता से आगे
“हम पंछी उन्मुक्त गगन के” कविता हमें यह सीख देती है कि पक्षियों को पालना उचित नहीं है। हमें उनकी स्वतंत्रता में बाधक नहीं बनना चाहिए।
प्रश्न 1. बहुत से लोग पक्षी पालते हैं-
(क) पक्षियों को पालना उचित है अथवा नहीं अपने विचार लिखिए।
उत्तर- लोग भले ही पक्षियों को अपने मनोरंजन के लिए पालते हैं, पर हमारे विचार से पक्षियों को पालना उचित नहीं है। हमारी तरह ही वे भी स्वतंत्र रहना चाहते हैं। जब हम बंधन में नहीं रहना चाहते हैं तो भला पक्षी पिंजरे में कैद रहकर कैसे खुश रह सकते हैं। हमें उनकी स्वतंत्रता में बाधक नहीं बनना चाहिए।
(ख) क्या आपने या आपकी जानकारी में किसी ने कभी कोई पक्षी पाला है? उसकी देखरेख किस प्रकार की जाती होगी, लिखिए।
उत्तर – हाँ, हमारे पड़ोसी ने एक तोता पाल रखा है। तोते को पिंजरे में बंद करके वे उसे छत से टाँगते हैं, जिससे कुत्ता या बिल्ली उस पर हमला न कर सके। वे तोते को लाल मिर्च अमरूद, आम जैसे फल खिलाते हैं। तोते के बोलने पर पड़ोसी बड़े खुश होते हैं, पर वे शायद यह नहीं जानते कि तोता उनसे अपने मुक्त होने की प्रार्थना कर रहा है।
प्रश्न 2. पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से केवल उनकी आज़ादी का हनन ही नहीं होता, अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है। इस विषय पर दस पंक्तियों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर- पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से एक ओर जहाँ उनकी आज़ादी छिन जाती है वहीं दूसरी ओर पर्यावरण भी बुरी तरह प्रभावित होता है। पक्षी पर्यावरण में संतुलन बनाए रखते पक्षियों के न रहने पर यह संतुलन बिगड़ने लगता है। कुछ पक्षी, जैसे-चील, बाज, कौआ आदि मरे हुए जानवरों को खाकर पर्यावरण को स्वच्छ बनाते हैं। इनके न रहने से इन मरे हुए जीवों से वातावरण में बदबू फैल जाएगी और उनके शरीर के अवशेष बिखरे नज़र आएँगे।
अनेक प्रकार के पक्षी फसलों को हानि पहुँचाने वाले कीट-पतंगों, टिड्डियों तथा चूहों को खाकर किसानों की सहायता करते हैं और अनाज उत्पादन में वृद्धि करते हैं। पक्षी फलों को खाकर उनके बीजों का प्रकीर्णन करते हैं। इस प्रकार पक्षी पेड-पौधों के उगने तथा उनकी वृद्धि करने में सहायक हैं। पक्षी अपनी विभिन्न प्रकार की आवाज़ों से वातावरण को सजीव बनाते हैं।
अनुमान और कल्पना
“हम पंछी उन्मुक्त गगन के” कविता के माध्यम से हमें यह सोचने का अवसर मिलता है कि क्या मानव की वर्तमान जीवन-शैली पक्षियों के लिए घातक है?
प्रश्न 1. क्या आपको लगता है कि मानव की वर्तमान जीवन-शैली और शहरीकरण से जुड़ी योजनाएँ पक्षियों के लिए घातक हैं? पक्षियों से रहित वातावरण में अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए? उक्त विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कीजिए।
उत्तर – हाँ, मानव की जीवन-शैली और शहरीकरण से जुड़ी योजनाओं को पूरा करने के लिए पेड़-पौधों को काटा जाता है। इससे पक्षियों का आश्रय स्थल और उनके खाद्य पदार्थ नष्ट होते जा रहे हैं। जिस वातावरण में पक्षी न होंगे, वहाँ अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इनसे बचने के लिए हमें ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाने चाहिए, जिससे पक्षियों को आश्रय स्थल मिल सके और इन पेड़ों से उनके खाने के लिए फल आदि खाद्य पदार्थ मिल सकें। उनके शिकार पर प्रतिबंध लगाना होगा। जगह-जगह पर उनके लिए कुछ फल, अनाज के दाने, पानी से भरे पात्र रखने होंगे।
प्रश्न 2. यदि आपके घर के किसी स्थान पर किसी पक्षी ने अपना आवास बनाया है और किसी कारणवश आपको अपना घर बदलना पड़ रहा है तो आप उस पक्षी के लिए किस तरह के प्रबंध करना आवश्यक समझेंगे? लिखिए।
उत्तर- घर के किसी स्थान पर पक्षी द्वारा बनाए गए घोसले को हम बिना छेड़छाड़ के यूँ ही छोड़ देंगे। उनके घोसले के पास पानी भरा पात्र तथा अनाज के दाने रख देंगे तथा उनकी सुरक्षा का प्रबंध भी करेंगे।
भाषा की बात
“हम पंछी उन्मुक्त गगन के” कविता में स्वर्ण-श्रृंखला और लाल किरण-सी जैसे गुणवाचक विशेषणों का प्रयोग किया गया है।
प्रश्न 1. स्वर्ण– श्रृंखला और लाल किरण-सी में रेखांकित शब्द गुणवाचक विशेषण हैं। कविता से ढूँढ़कर इस प्रकार के तीन और उदाहरण लिखिए।
उत्तर- (i) कनक-तीलियाँ
(ii) कटुक निबौरी
(iii) सीमाहीन क्षितिज
(iv) आकुल उड़ान
प्रश्न 2. ‘भूखे-प्यासे’ में द्वंद्व समास है। इन दोनों ‘शब्दों के बीच लगे चिह्न को सामासिक चिह्न (-) कहते हैं। इस चिह्न से ‘और’ का संकेत मिलता है, जैसे- भूखे-प्यासे = भूखे और प्यासे ।
- इस प्रकार के दस अन्य उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर- सामासिक शब्द
(i) सुख-दुख = सुख और दुख
(ii) माता-पिता = माता और पिता
(iii) अपना-पराया = अपना और पराया
(iv) मोटा-पतला = मोटा और पतला
(v) खट्टा-मीठा = खट्टा और मीठा
(vi) बुरा-भला = बुरा और भला
(vii) लाभ हानि = लाभ और हानि
(viii) जय पराजय = जय और पराजय
(ix) यश-अपयश = यश और अपयश
(x) नर-नारी = नर और नारी
परीक्षा की तैयारी के लिए
“हम पंछी उन्मुक्त गगन के” एक प्रेरणादायक कविता है, जो हमें स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता का महत्व सिखाती है। Ultimate NCERT Solutions की मदद से, छात्र इस पाठ को आसानी से समझ सकते हैं और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।
यदि आप “हम पंछी उन्मुक्त गगन के” कविता को गहराई से समझना चाहते हैं, तो इसके प्रत्येक श्लोक का अध्ययन करें और मुख्य भावों को आत्मसात करें। यह कविता न केवल पक्षियों की स्वतंत्रता को दर्शाती है बल्कि यह भी बताती है कि हर जीव को स्वतंत्रता प्रिय होती है।
