Chapter-10 Khan Pan Ki Badalti tasveer (Ncert Solutions) for Class 7 Hindi
Ultimate NCERT Solutions for Chapter-10 Khan Pan Ki Badalti tasveer
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NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter- 10 Khan Pan Ki Badalti tasveer प्रश्न उत्तर, सारांश
पाठ 10 खानपान की बदलती तसवीर
निबंध से
प्रश्न अभ्यास
प्रश्न 1. खानपान की मिश्रित संस्कृति से लेखक का क्या मतलब है? अपने घर के उदाहरण देकर इसकी व्याख्या करें?
उत्तर 1- खानपान की मिश्रित संस्कृति से लेखक का मतलब है – देशी-विदेशी व्यंजनों का मेल-जोल अर्थात् स्थानीय व्यंजनों और पकवानों का महत्व रखते हुए देश के अन्य भागों के पकवानों तथा विदेशी व्यंजनों व पकवानों को अपनाना।
मेरे अपने ही घर में कुछ दिन पहले तक उत्तर भारतीय भोजन रोटी, दाल, साग, पूड़ी ही खाई जाती थी, वहीं अब कभी इनके साथ इडली, डोसा, बड़ा तथा फास्ट फूड – बर्गर, नूडल्स, पिज्या भी खाया जाने लगा है।
प्रश्न 2. खानपान में बदलाव के कौन से फायदे हैं? फिर लेखक इस बदलाव को लेकर चिंतित क्यों है?
उत्तर 2- खानपान में बदलाव के निम्नलिखित फायदे हैं-
(i) किसी क्षेत्र के पकवान या व्यंजन को उस क्षेत्र के बाहर के लोगों ने भी अपनाया।
(ii) खाने-खिलाने में विविधता आ गई।
(iii) हम अन्य संस्कृति बोली-बानी, भाषा-भूषा से भी परिचित होते हैं।
(iv) राष्ट्रीय एकता की भावना प्रबल होती है।
फिर भी लेखक इस बदलाव से चिंतित है क्योंकि-
(i) स्थानीय व्यंजन तथा पकवान घटकर कुछ ही चीज़ों तक सीमित होते जा रहे हैं।
(ii) नई पीढ़ी इन स्थानीय पकवानों को भूलती जा रही है ।
(iii) स्थानीय पकवान बाज़ारों से गायब होते जा रहे हैं।
प्रश्न 3. खानपान के मामले में स्थानीयता का क्या अर्थ है ?
उत्तर 3- खानपान के मामले में स्थानीयता का अर्थ है – किसी क्षेत्र या स्थान विशेष पर खाए – खिलाए जाने वाले व्यंजन तथा पकवान । जैसे – इडली-डोसा – बड़ा-साँभर रसम दक्षिण भारत के स्थानीय व्यंजन व पकवान हैं।
निबंध से आगे
प्रश्न 1. घर में बातचीत करके पता कीजिए कि आपके घर में क्या चीजें पकती हैं और क्या चीजें बनी-बनाई बाज़ार से आती हैं? इनमें से बाज़ार से आने वाली कौन-सी चीजें आपके माँ-पिता जी के बचपन में घर में बनती थीं?
उत्तर 1- मेरे घर में पूड़ियाँ, कचौड़ियाँ, छोले, सब्जियाँ, रायता, चाउमीन, नूडल्स, चावल, दाल, कढ़ी, रोटियाँ, समोसे घर पर पकाए तथा बनाए जाते हैं। इसके अलावा, चिप्स, पापड़, नमकीन, इडली, डोसा, साँभर, रसम, हलवा, चाउमीन, गुझिया बाज़ार से आती हैं। माँ पिता जी के बचपन में चिप्स, पापड़, गुझिया, नमकीन, हलवा आदि घर पर ही बनते थे।
प्रश्न 2. यहाँ खाने, पकाने और स्वाद से संबंधित कुछ शब्द दिए गए हैं। इन्हें ध्यान से देखिए और इनका वर्गीकरण कीजिए-
उबालना, तलना, भूनना, सेंकना, दाल, भात, रोटी, पापड़, आलू, बैंगन, खट्टा मीठा, तीखा, नमकीन, कसैला
भोजन | कैसे पकाया | स्वाद |
|
उत्तर 2- वर्गीकरण-
भोजन | कैसे पकाया | स्वाद |
दाल भात रोटी पापड़ आलू बैंगन | उबालना (पकाना) उबालना सेंकना तलना भूनना, तलना भूनना, तलना | खट्टा तीखा मीठा नमकीन कसैला कसैला |
प्रश्न 3. छौंक चावल कढ़ी
- इन शब्दों में क्या अंतर है? समझाइए| इन्हें बनाने के तरीके विभिन्न प्रांतों में अलग-अलग हैं। पता करें कि आपके प्रांत में इन्हें कैसे बनाया जाता है।
उत्तर 3- छौंक, चावल और कढ़ी तीनों भारतीय व्यंजन हैं, लेकिन इनमें बनावट, स्वाद और बनाने के तरीके में अंतर है। आइए इन्हें समझते हैं:
- छौंक (Tadka/Seasoning)
- परिभाषा: छौंक एक तड़का या मसाला भूनने की विधि है, जिसमें तेल या घी गर्म करके उसमें जीरा, राई, हींग, हल्दी, लहसुन आदि डालकर भूनते हैं।
- उपयोग: दाल, सब्जी या कढ़ी में स्वाद बढ़ाने के लिए छौंक दिया जाता है।
- प्रांतीय विविधता:
- उत्तर भारत: घी में जीरा, हींग, लहसुन और लाल मिर्च का तड़का।
- दक्षिण भारत: सरसों के बीज, करी पत्ता और उड़द दाल का छौंक।
- पश्चिम बंगाल: पंच फोरन (पाँच मसालों का मिश्रण) का तड़का।
- चावल (Rice)
- परिभाषा: चावल एक मुख्य अनाज है, जिसे उबालकर या भाप में पकाया जाता है।
- प्रकार: सादे चावल, बिरयानी, पुलाव, खिचड़ी आदि।
- प्रांतीय विविधता:
- दक्षिण भारत: नारियल और करी पत्ते के साथ पके चावल।
- पंजाब: मक्के की रोटी के साथ सरसों का साग और चावल।
- बिहार/झारखंड: लिट्टी-चोखा के साथ चावल।
- कढ़ी (Kadhi)
- परिभाषा: दही और बेसन से बनी ग्रेवी वाली डिश, जिसमें पकौड़े भी डाले जा सकते हैं।
- प्रांतीय विविधता:
- राजस्थान: मसालेदार और गाढ़ी कढ़ी।
- गुजरात: मीठी-खट्टी कढ़ी (चीनी और गुड़ का स्वाद)।
- पंजाब: पकौड़े वाली कढ़ी, जिसमें अदरक-लहसुन का तड़का होता है।
मेरे प्रांत (उत्तर प्रदेश/मध्य भारत) में बनाने का तरीका:
- छौंक: घी में जीरा, हींग, हल्दी, लाल मिर्च और लहसुन डालकर तड़का लगाया जाता है।
- चावल: सादे उबले चावल या जीरा-तेजपत्ता डालकर पुलाव बनाया जाता है।
- कढ़ी: दही और बेसन का घोल बनाकर हल्दी, धनिया पाउडर और छौंक के साथ पकाई जाती है। इसमें प्याज़-टमाटर या पकौड़े भी मिलाए जाते हैं।
निष्कर्ष:
- छौंक स्वाद बढ़ाने की तकनीक है, चावल मुख्य अनाज है, और कढ़ी एक विशिष्ट व्यंजन है।
- हर प्रांत में इन्हें बनाने के तरीके अलग हैं, जो स्थानीय मसालों और पसंद पर निर्भर करता है।
प्रश्न 4. पिछली शताब्दी में खानपान की बदलती हुए तस्वीर का खाका खींचें तो इस प्रकार होगा-
सन् साठ का दशक -छोले-भटूरे
सन् सत्तर का दशक -इडली, डोसा
सन् अस्सी का दशक तिब्बती -(चीनी) खाना
सन् नब्बे का दशक -पींजा, पाव भाजी
- इसी प्रकार आप कुछ कपड़ों या पोशाकों की बदलती तस्वीर का खाका खींचिए।
उत्तर-4
- सन् साठ का दशक – धोती कुर्ता
- सन् सत्तर का दशक – कुर्ता -पाजामा
- सन् अस्सी का दशक –पैंट-शर्ट
- सन् नब्बे का दशक –कोट-पैंट (सूट), टाई
प्रश्न 5. मान लीजिए कि आपके घर कोई मेहमान आ रहे हैं जो आपके प्रांत का पारंपरिक भोजन करना चाहते हैं। उन्हें खिलाने के लिए घर के लोगों की मदद से एक व्यंजन – सूची ( मेन्यू) बनाइए ।
उत्तर – 5
व्यंजन- सूची ( मेन्यू) | ||
1. रोटी (बेसन) | 11. सब्ज़ी – मटर-टमाटर | 21. रायता (बूंदी) |
2. पूड़ी (बेसन) | 12. सब्ज़ी – आलू मेथी | 22. पापड़ |
3. कचौड़ी (दाल) | 13. सब्जी (पालक पनीर) | 23. चिप्स |
4. कचौड़ी (आलू) | 14. सब्जी (आलू-गोभी) | 24. अचार – आम |
5. पराँठे | 15. सब्ज़ी – सोयाबीन | 25. अचार – करेला |
6. दाल (अरहर) | 16. सब्ज़ी – राजमा | 26. अचार – नीबू |
7. दाल (मसूर) | 17. कढ़ी-पालक | 27. अचार – गाजर |
8. दाल (मूँग) | 18. कढ़ी- गाजर | 28. चावल – जीरा |
9. दाल (चना) | 19. कढ़ी-बेसन | 29. पुलाव, चावल-सादा |
10. सब्जी (मटर पनीर) | 20. छोले, बैंगन का भुरता | 30. दही-बड़ा |
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. ‘फ़ास्ट फूड’ यानी तुरंत भोजन के नफ़े- नुकसान पर कक्षा में वाद-विवाद करें।
उत्तर 1- ‘फ़ास्ट फूड’ यानी तुरंत भोजन
1. नफे ( फायदे ) –
- कम समय में तुरंत मिल जाता है।
- आकस्मिक भोजन की आवश्यकता को पूरी कर देता है।
- कुछ अलग संस्कृति से परिचित होने का अवसर मिलता है।
2. नुकसान –
- स्थानीय भोजन की दिन-प्रतिदिन उपेक्षा होती जा रही है, और वे अपनी प्रसिद्धि खोते जा रहे हैं।
- स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं माने जाते हैं।
- स्थानीय भोजन की अपेक्षा कई गुने महँगे के होने कारण धन का अपव्यय बढ़ता है।
प्रश्न 2. हर शहर, कस्बे में कुछ ऐसी जगहें होती हैं जो अपने किसी खास व्यंजन के लिए जानी जाती हैं। आप अपने शहर, करने का नक्शा बनाकर उसमें ऐसी सभी जगहों को दर्शाइए?
उत्तर 2- आप अपने शहर का खाद्य नक्शा (Food Map) बनाकर उन सभी प्रसिद्ध स्थानों को दिखा सकते हैं जो अपने विशिष्ट व्यंजनों के लिए जाने जाते हैं। यह नक्शा आपको और दूसरों को यह जानने में मदद करेगा कि शहर में कौन-कौन सी जगहें खाने के लिए प्रसिद्ध हैं।
कैसे बनाएं खाद्य नक्शा?
- अपने शहर के सबसे प्रसिद्ध व्यंजनों की सूची बनाएं – जैसे मिठाई, स्ट्रीट फूड, पारंपरिक भोजन आदि।
- उन स्थानों को चिह्नित करें जहां वे व्यंजन सबसे अच्छे मिलते हैं।
- मानचित्र पर इन स्थानों को नाम और प्रतीकों के साथ दिखाएं।
- रंगों और चित्रों का प्रयोग करें ताकि नक्शा आकर्षक और समझने में आसान हो।
- प्रमुख मार्ग और स्थानों के नाम जोड़ें ताकि लोग आसानी से वहाँ पहुँच सकें।
उदाहरण: दिल्ली का खाद्य नक्शा
स्थान | प्रसिद्ध व्यंजन |
चाँदनी चौक | पराठे, जलेबी, दही भल्ले |
करीम्स, जामा मस्जिद | मटन करी, बिरयानी |
सरोजिनी नगर | गोलगप्पे, चाट |
कनॉट प्लेस | छोले भटूरे, स्ट्रीट फूड |
दक्षिणी दिल्ली | मोमोज, चाइनीज स्ट्रीट फूड |
प्रश्न 3. खानपान के मामले में शुद्धता का मसला काफी पुराना है। आपने, अपने अनुभव में इस तरह की मिलावट को देखा है? किसी फिल्म या अखबारी खबर के हवाले से खानपान में होने वाली मिलावट के नुकसानों की चर्चा कीजिए।
उत्तर 3- हाँ, एक बार जब माँ ने मुझे काली मिर्च खरीदने के लिए भेजा। मैं 100 ग्राम काली मिर्च लाया। माँ ने सब्जियाँ बनाई। सब्ज़ी का स्वाद ठीक न लगने पर जब उस काली मिर्च की जाँच की गई तो पता लगा कि उसमें तो पपीते के बीज मिले हुए हैं। मैंने उसे दुकान पर वापस कर दिया।
अखबारी खबर के हवाले से खानपान में होने वाली मिलावट के नुकसान-
कल समाचार पत्र में अरहर की दाल में खेसारी की दाल की मिलावट का समाचार पढ़ा। लोग अपने फायदे या धन कमाने के लालच में आकर मिलावट करते हैं। इससे-
(i) लोगों का स्वास्थ्य खराब होता है और वे मरीज़ बन जाते हैं।
(ii) लोग अपनी गाढ़ी कमाई डॉक्टर के पास लुटाते हैं।
(iii) पीड़ित लोगों का विकास रुक जाता है ।
(iv) सरकारी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचाते हैं।
भाषा की बात
प्रश्न 1. खानपान शब्द, खान और पान दो शब्दों को जोड़कर बना है। खानपान शब्द में और छिपा हुआ है। जिन शब्दों के योग में और, अथवा, या जैसे योजक शब्द छिपे हों, उन्हें द्वंद्व समास कहते हैं। नीचे द्वंद्व समास के कुछ उदाहरण दिए गए हैं। इनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए और अर्थ समझिए –
सीना-पिरोना, लंबा-चौड़ा, भला-बुरा, कहा-सुनी, चलना-फिरना, घास-फूस
उत्तर 1–
- सीना-पिरोना (सिलाई और उससे जुड़े काम) – उसने भली भाँति सीना-पिरोना सीख लिया है।
- भला-बुरा (अपना हित-अहित) – दूसरों पर कब तक आश्रित रहोगे, तुम अपना भला-बुरा कब सोचोगे ?
- चलना-फिरना (घूमना – टहलना) – कार से दुर्घटनाग्रस्त होने के चार महीने बाद उसने फिर से चलना फिरना शुरू कर दिया है।
- लंबा-चौड़ा (विशाल आकार वाला) – इतना लंबा-चौड़ा पुल मैं पहली बार देख रहा हूँ।
- कहा-सुनी (नाराजगी भरी बातचीत) – ” देखो सुमन ! इस कहा-सुनी में कुछ नहीं रखा है’, मैंने समझाते हुए कहा ।
- घास-फूस (बेकार की वस्तुएँ) – खाने के नाम पर तुम क्या घास-फूस उठा लाए ?
प्रश्न 2. कई बार एक शब्द सुनने या पढ़ने पर कोई और शब्द याद आ जाता है। आइए शब्दों की ऐसी कड़ी बनाएँ। नीचे शुरुआत की गई है। उसे आप आगे बढ़ाइए । कक्षा में मौखिक सामूहिक गतिविधि के रूप में भी इसे दिया जा सकता है-
इडली- दक्षिण- केरल- ओणम्- त्योहार- छुट्टी – आराम
उत्तर 2-
इडली- दक्षिण, केरल- ओणम् त्योहार
छुट्टी – आराम, आम – दशहरी – मलीहाबाद ।
साड़ियाँ – बनारसी, ताजमहल – आगरा,
लाल किला- दिल्ली, बह्माजी का मन्दिर – पुष्कर,
संगम – प्रयाग, इलाहाबाद….. आदि ।
कुछ करने को
- उन विज्ञापनों को इकट्ठा कीजिए जो हाल ही के ठंडे पेय पदार्थों से जुड़े हैं। उनमें स्वास्थ्य और सफ़ाई पर दिए गए ब्योरों को छाँटकर देखें कि हकीकत क्या है।
उत्तर- छात्र ऐसे विज्ञापनों को स्वयं इकट्ठा करें और माता-पिता तथा अध्यापक की मदद से हकीकत का पता करें।
(उदाहरण के लिये)
आप हाल ही में आए ठंडे पेय पदार्थों (Cold Drinks) के विज्ञापनों को इकट्ठा करके उनकी स्वास्थ्य और सफाई संबंधी दावों की सच्चाई की जांच कर सकते हैं। इसके लिए आप निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं:
कैसे करें विज्ञापन विश्लेषण?
- विज्ञापनों को इकट्ठा करें:
- टेलीविजन, सोशल मीडिया (YouTube, Instagram, Facebook), और अखबारों में आने वाले विज्ञापनों को देखें।
- कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइटों पर जाकर उत्पादों के दावे पढ़ें।
- स्वास्थ्य संबंधी दावों का विश्लेषण करें:
- क्या विज्ञापन दावा करता है कि यह ऊर्जा बढ़ाता है, ताजगी देता है या शरीर को स्वस्थ रखता है?
- क्या यह प्राकृतिक सामग्री, कम चीनी, या विटामिन युक्त होने का दावा करता है?
- क्या इसमें कोई वैज्ञानिक प्रमाण या विशेषज्ञ की राय दिखाई जाती है?
- सफाई और गुणवत्ता की जांच करें:
- क्या विज्ञापन उत्पाद की निर्माण प्रक्रिया और गुणवत्ता मानकों की जानकारी देता है?
- क्या FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) या अन्य स्वास्थ्य संगठनों की स्वीकृति का उल्लेख है?
- हकीकत की जांच करें:
- उत्पाद की सामग्री सूची (Ingredients) पढ़ें और देखें कि इसमें अधिक चीनी, कैफीन, आर्टिफिशियल फ्लेवर या प्रिजर्वेटिव्स तो नहीं हैं।
- विशेषज्ञों की राय और विज्ञान आधारित रिपोर्ट्स पढ़ें कि क्या ये दावे वास्तव में सही हैं।
- ठंडे पेय पदार्थों के अधिक सेवन से मोटापा, डायबिटीज, और दांतों की समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
निष्कर्ष:
- कई विज्ञापन सिर्फ आकर्षक भाषा और दृश्यों के माध्यम से उपभोक्ताओं को लुभाते हैं, लेकिन वास्तविकता में इन उत्पादों में अधिक चीनी और हानिकारक तत्व हो सकते हैं।
- स्वास्थ्य विशेषज्ञ अक्सर ठंडे पेय पदार्थों की जगह ताजे फलों का जूस, नारियल पानी या घर का बना शरबत पीने की सलाह देते हैं।
- इसलिए, विज्ञापनों पर आँख मूँदकर भरोसा करने की बजाय, खुद सामग्री पढ़कर और वैज्ञानिक तथ्यों को समझकर ही निर्णय लेना चाहिए।
Chapter-10 Khan Pan Ki Badalti tasveer-Updated Solution 2024-2025
यह पूरा समाधान 2024-25 के नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार किया गया है। यदि आपको कोई और प्रश्न हैं, तो बेझिझक पूछें! 😊
