chapter 6 shaam ek kissan (Ncert Solutions) for Class 7 Hindi

Ultimate NCERT Solutions for Chapter 6 Shaam ek Kissan

Updated Solution 2024-2025                                                                        Updated Solution 2024-2025

NCERT Solutions for Class 7 Hindi chapter 6 Shaam ek Kissan प्रश्न उत्तर, सारांश

पाठ 6 शाम – एक किसान


कविता से

प्रश्न अभ्यास

प्रश्न 1. इस कविता में शाम के दृश्य को किसान के रूप में दिखाया गया है- यह एक रूपक है। इसे बनाने के लिए पाँच एकरूपताओं की जोड़ी बनाई गई है। उन्हें उपमा कहते हैं। पहली एकरूपता आकाश और साफे में दिखाते हुए कविता में ‘आकाश का साफा’ वाक्यांश आया है । इसी तरह तीसरी एकरूपता नदी और चादर में दिखाई गई है, मानो नदी चादर-सी हो। अब आप दूसरी, चौथी और पाँचवीं एकरूपताओं को खोजकर लिखिए।

उत्तर 1

(i) आकाश का साफा,

(ii) पलाश के जंगल की अंगीठी,

(iii) नदी चादर सी,

(iv) सूरज की चिलम,

(v) भेड़ों के गल्ले-सा अंधकार।

प्रश्न 2. शाम का दृश्य अपने घर की छत या खिड़की से देखकर बताइए –

(क) शाम कब से शुरू हुई?

(ख) तब से लेकर सूरज डूबने में कितना समय लगा?

(ग) इस बीच आसमान में क्या-क्या परिवर्तन आए?

उत्तर 2- अपने घर की छत या खिड़की से शाम का दृश्य देखने पर पता चलता है कि-

क) जाड़े में दिन छोटे वायुमंडल में कोहरा तथा सूर्य का प्रकाश ऊष्माहीन होने के कारण शाम जल्दी अर्थात् चार, सवा चार बजे हो गई।

ख) तब से लेकर सूरज डूबने में एक या सवा घंटा समय लगा।

(ग) इस समय आसमान में निम्नलिखित परिवर्तन हुए-

(i) आसमान में सूर्य का प्रकाश कमज़ोर पड़ता गया ।

(ii) आसमान में उड़ते पक्षी अपने घोंसलों की ओर लौटने लगे।

(iii) पूरब की दिशा में क्षितिज से अंधेरे का आगमन होने लगा।

(iv) डूबते सूरज के आस-पास आसमान पर लालिमा छा गई।

प्रश्न 3. मोर के बोलने पर कवि को लगा जैसे किसी ने कहा हो- ‘सुनते हो’। नीचे दिए गए पक्षियों की बोली सुनकर उन्हें भी एक या दो शब्दों में बाँधिए-

(कबूतर, कौआ, मैना, तोता, चील, हंस)

उत्तर 3-

कबूतर – खत ले लो

कौआ – मेहमान आएँगे

मैना – गाते हो

तोता – पढ़ते हो

चील – देखते हो


Chapter 6 Shaam ek Kissan (NCERT Solutions)

Updated 2024-2025


कविता से आगे

प्रश्न 1. इस कविता को चित्रित करने के लिए किन-किन रंगों का प्रयोग करना होगा?

उत्तर 1- इस कविता को चित्रित करने के लिए नीला, लाल, भूरा, काला, हरा, कत्थई रंगों का प्रयोग करना होगा।

 प्रश्न 2. शाम के समय ये क्या करते हैं, पता लगाइए और लिखिए-

            (पक्षी, पेड़-पौधे, खिलाड़ी, पिता जी, फलवाले, माँ, किसान, बच्चे)

उत्तर 2- शाम के समय ये निम्नलिखित कार्य करते हैं-

  • पक्षी – कलरव करते हुए उड़कर अपने- अपने घोंसलों या कोटर की ओर जाते हैं।
  • पेड़-पौधे – उन पर खिले फूल मुरझा जाते हैं। उन पर पड़ी ओस के कारण ऐसा लगता है कि वे दिन भर की धूल व थकान उतारने के लिए अभी-अभी नहाए हैं। कुछ मुरझाए फूलों को देखकर लगता है कि वे आँखें बंद करके सोने की कोशिश कर रहे
  • खिलाड़ी – अपने खेल का अभ्यास तथा व्यायाम करते हैं।
  • पिताजी – दफ़्तर से आकर चाय पीते हैं और मुझे पढ़ने के लिए कहते हैं।
  • फलवाले – ऊँची आवाज़ में बोलकर फल बेचने की कोशिश करते हैं और लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं।
  • किसान– किसान अपने बैलों के साथ खेत से वापस आते हैं, और बैलों तथा गायों को चारा-पानी देते हैं।
  • माँ – परिवार के सदस्यों के लिए भोजन पकाती है और बच्चों का गृहकार्य कराती है।
  • बच्चे – खेलते-कूदते हैं। शोर करते हैं। टेलीविज़न देखते हैं। कुछ बच्चे माता-पिता का कहना मानकर पढ़ने बैठ जाते हैं।

प्रश्न 3. हिंदी के एक प्रसिद्ध कवि सुमित्रा नंदन पंत ने संध्या का वर्णन इस प्रकार किया है-

संध्या का झुटपुट-

बाँसों का झुरमुट-

है चहक रहीं चिड़ियाँ

टी-वी-टी– टुट्--टुट्

  • ऊपर दी गई कविता और सर्वेश्वर दयाल जी की कविता में आपको क्या मुख्य अंतर लगा? लिखिए।

उत्तर 3 इस कविता और सर्वेश्वर दयाल की कविता में प्रमुख अंतर है कि-

  • इस कविता में केवल पक्षियों के कलरव का वर्णन है जबकि सर्वेश्वर दयाल की कविता में पहाड़, नदी, पलाश के खिले फूल, डूबता सूरज, बोलता मोर तथा आसमान पर गहराते अंधेरे का वर्णन है।
  • इस कविता में सूर्यास्त के बाद के समय का वर्णन है जबकि दूसरी कविता में सूर्यास्त के पहले तथा सूर्यास्त के समय का वर्णन है।

(iii)         इस कविता की भाषा अत्यंत सरल तथा बोलचाल के शब्दों से युक्त है जबकि उस कविता में प्रकृति का मानवीकरण करते हुए सरल तथा बोधगम्य भाषा का प्रयोग किया गया है।

अनुमान और कल्पना

  • शाम के बदले यदि आपको एक कविता सुबह के बारे में लिखनी हो तो किन-किन चीज़ों की मदद लेकर अपनी कल्पना को व्यक्त करेंगे? नीचे दी गई कविता की पंक्तियों के आधार पर सोचिए-

पेड़ों के झुनझुने

बजने लगे;

लुढ़कती आ रही है

सूरज की लाल गेंद ।

उठ मेरी बेटी, सुबह हो गई ।                                            – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

उत्तर – यदि मुझे सुबह के बारे में कविता लिखनी हो तो निम्न चीज़ों की मदद लेकर अपनी कल्पना व्यक्त करूँगा-

चिड़िया का बोलना, हवा में पेड़ों का हिलना, फूलों का खिलना, आसमान में उगते सूरज की लालिमा छाना, तारों का गायब हो जाना, मंदिरों में बजती घंटियों आदि की आवाज़ |

भाषा की बात

प्रश्न 1. नीचे लिखी पंक्तियों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखिए-

(क) घुटनों पर पड़ी है नदी चादर-सी

(ख) सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले-सा

(ग) पानी का परदा-सा मेरे आसपास था हिल रहा

(घ) मँडराता रहता था एक मरियल-सा कुत्ता आसपास

(ङ) दिल है छोटा-सा छोटी-सी आशा

(च) घास पर फुदकती नन्ही-सी चिड़िया

  • इन पंक्तियों में सा/सी का प्रयोग व्याकरण की दृष्टि से कैसे शब्दों के साथ हो रहा है?

उत्तर 1- सा/सी का प्रयोग व्याकरण की दृष्टि से दो प्रकार के शब्दों के साथ हो रहा है-

(i) संज्ञा शब्दों के साथ जैसे-चादर-सी, गल्ले-सा तथा पर्दा सा।

(ii) विशेषण शब्दों के साथ-मरियल-सा, छोटा-सा तथा नन्ही सी ।

हाँ, सा/सी का प्रयोग तुलना करने या समानता बताने के लिए किया जा रहा है। जैसे चादर-सी, गल्ले-सा, पर्दा-सा, मरियल-सा ।

अलग अर्थ में-सा/सी का प्रयोग मात्रा या आकार बताने के लिए किया जा रहा है। जैसे-छोटा-सा नन्ही-सी ।

प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग आप किन संदर्भों में करेंगे? प्रत्येक शब्द के लिए दो-दो संदर्भ (वाक्य) रचिए।

औंधी, दहक, सिमटा

उत्तर 2-

औंधी– (i) धूल भरी तेज़ गति से चलने वाली हवा के संदर्भ में

(ii) हलचल मचाने के संदर्भ में

दहक–     (i) अग्नि, लपट, ज्वाला के संदर्भ में

(ii) जलन, दाह के संदर्भ में

सिमटा – (i) संकुचित होने के संदर्भ में

(ii) समाप्त होने के संदर्भ में

शब्द                                       संदर्भ (वाक्य)                                      रचना

औंधी –  (i) आँधी से बचने के लिए किसान दीवार की ओट में छिप गया।

(ii) ज्वार-भाटा आने से पहले समुद्र में आँधी उठने लगी।

दहक –    (i) हवा का झोंका पाते ही आग दहक उठी।

(ii) अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए उसका मन अब भी दहक रहा है।

सिमटा (i) सदी के कारण जानवर सिमट कर बैठे हैं।

(ii) गोपी के घर विवाह का सारा काम सिमट गया है

शाम – एक किसान  – सारांश

(कक्षा 7 हिंदी वसंत – 2, अध्याय 4)

“शाम – एक किसान” कविता सर्वेश्वर दयाल सक्सेना द्वारा रचित है। यह कविता एक किसान के जीवन के संघर्ष और उसकी मेहनत को दर्शाती है। कवि ने शाम के समय एक किसान के खेत में काम करते हुए दृश्य को बहुत ही सजीव ढंग से चित्रित किया है।

कविता में किसान की थकान, उसकी गरीबी, और प्रकृति के साथ उसके जुड़ाव को दिखाया गया है। किसान पूरे दिन मेहनत करने के बाद भी अपने परिवार के लिए पर्याप्त भोजन जुटाने में असमर्थ होता है। फिर भी, वह हार नहीं मानता और अगले दिन फिर से काम करने के लिए तैयार रहता है।

कविता का संदेश यह है कि किसान समाज का आधार है, लेकिन उसकी मेहनत और संघर्ष को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। यह कविता किसानों के प्रति हमारी सहानुभूति और सम्मान को जगाने का प्रयास करती है।

मुख्य बिंदु:

  1. किसान का संघर्ष और मेहनत।

  2. प्रकृति और किसान का गहरा जुड़ाव।

  3. समाज में किसानों की उपेक्षा।

  4. कविता का संदेश: किसानों के प्रति सम्मान और सहानुभूति।

यह कविता हमें किसानों के जीवन की वास्तविकता को समझने और उनके प्रति संवेदनशील बनने की प्रेरणा देती है।

Chapter 6 Shaam ek Kissan –  Updated Solution 2024-2025

यह पूरा समाधान 2024-25 के नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार किया गया है। यदि आपको कोई और प्रश्न हैं, तो बेझिझक पूछें! 😊

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