class 7 hindi chapter 14 - Sangharsh ke karan me tunukmijaj ho gaya: dhanraj (Ncert Solutions)
Ultimate NCERT Solutions for class 7 hindi chapter 14: Sangharsh ke karan me tunukmijaj ho gaya: dhanraj
Updated Solution 2024-2025 Updated Solution 2024-2025
NCERT Solutions for class 7 hindi chapter 14 Sangharsh ke karan me tunukmijaj ho gaya: dhanraj (प्रश्न उत्तर, सारांश)
पाठ-14-संघर्ष के करण में तुनुकमिजाज हो गया: धनराज
साक्षात्कार से
प्रश्न अभ्यास
प्रश्न 1. साक्षात्कार पढ़कर आपके मन में धनराज पिल्लै की कैसी छवि उभरती है? वर्णन कीजिए।
उत्तर 1- साक्षात्कार पढ़कर हमारे मन में धनराज पिल्लै की वह छवि उभरती है जिसमें वह ऊपर से देखने में कुरूप, गुस्सैल तथा अव्यावहारिक लगते हैं, परन्तु अंदर से वह उतने ही सरस, नरम दिल, लोगों का आदर करने वाले, परिश्रमी और सबकी जैसी ही भावनाएँ रखने वाले नॉर्मल इंसान हैं।
प्रश्न 2. धनराज पिल्लै ने ज़मीन से उठकर आसमान का सितारा बनने तक की यात्रा तय की है। लगभग सौ शब्दों में इस सफ़र का वर्णन कीजिए।
उत्तर 2- धनराज पिल्लै हॉकी के सुप्रसिद्ध खिलाड़ी हैं। धनराज का बचपन मुश्किलों से भरा था। वे और उनका परिवार अत्यंत गरीब था। दोनों भाइयों को हॉकी खेलता देखकर उन्हें भी शौक हुआ। गरीबी के कारण अपनी स्टिक न खरीद सकते थे। इसलिए अन्य साथियों के खेल लेने पर धैर्यपूर्वक उनकी स्टिक लेने का इंतज़ार करते थे। उनको पहली बार अपनी पुरानी हॉकी स्टिक उनके भाई ने दी पर उन्हें खुशी थी कि यह स्टिक अब उनकी थी।
धनराज ने अपनी जूनियर राष्ट्रीय हॉकी 1985 में मणिपुर में खेली। 1986 में राष्ट्रीय टीम में डाल दिया गया। मुंबई लीग में धूम मचाने के बाद भी ओलंपिक कैंप में नाम न देखकर निराशा हुई पर एक साल बाद 1986 के एशिया कप में चुने जाने के बाद आज तक पीछे मुड़कर नहीं देखा ।
प्रश्न 3. ‘मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता से सँभालने की सीख दी है’- धनराज पिल्लै की इस बात का क्या अर्थ है?
उत्तर 3- धनराज पिल्लै की इस बात का अर्थ है कि प्रसिद्धि और सफलता मिलने के बाद भी अपनी विनम्रता मत छोड़ना। लोग सफलता मिलने पर घमंडी बन जाते हैं, पर तुम घमंड न करना।
साक्षात्कार से आगे
प्रश्न 1. ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है। क्यों? पता लगाइए।
उत्तर 1- भारतीय हॉकी को लगातार कई स्वर्ण पदक दिलवाने वाले ध्यानचंद को कौन भूल सकता है। उन्होंने भारतीय हॉकी को धरातल से उठाकर सफलता के क्षितिज तक पहुँचाया। उनकी हॉकी खेलने की शैली तथा उनके द्वारा किए गए गोलों की संख्या उन्हें विलक्षण बनाती थी।
इस अद्भुत खिलाड़ी का क्रीडा-कौशल देखकर अनेक बार विदेशों से प्रलोभन भरे प्रस्ताव आए, किंतु उन प्रलोभनों का ध्यानचंद पर कोई असर न हुआ। वे अंत तक अपने देश भारत के लिए ही खेलते रहे।
हॉकी की विलक्षण क्षमता तथा कुशलता के कारण ही उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता है।
प्रश्न 2. किन विशेषताओं के कारण हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है?
उत्तर 2- हॉकी का खेल व्यायाम का सर्वोत्तम साधन है। इस खेल को खेलने के लिए स्वस्थ होना बहुत ही आवश्यक है। यह खेल आपस में पारस्परिक मेलजोल तथा भाई-चारे की भावना बढ़ाता है। भारत के ज़मींदारों तथा राजाओं में यह खेल अत्यंत लोकप्रिय था। प्राचीन समय से खेले जाने तथा अधिकतर लोगों के बीच लोकप्रिय होने के कारण ही इसे भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है।
प्रश्न 3. आप समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं में छपे हुए साक्षात्कार पढ़ें और अपनी रुचि से किसी व्यक्ति को चुनें, उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर कुछ प्रश्न तैयार करें और साक्षात्कार लें।
उत्तर 3- धनराज पिल्ले भारतीय हॉकी के एक प्रसिद्ध खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 1990 के दशक में भारतीय हॉकी टीम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका जन्म 10 जुलाई 1968 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। वह एक फॉरवर्ड प्लेयर के रूप में जाने जाते थे और अपनी तेज गति, उत्कृष्ट ड्रिब्लिंग कौशल और गोल-स्कोरिंग क्षमता के लिए प्रसिद्ध थे।
धनराज पिल्ले के बारे में कुछ प्रमुख जानकारी:
- उन्होंने 1989 से 2004 तक भारतीय हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व किया।
- वह 4 ओलंपिक (1988, 1992, 1996, 2000) में भारत की ओर से खेले।
- 1998 एशियाई खेलों में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
- उन्हें अर्जुन पुरस्कार (1995), राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (1999-2000) और पद्म श्री (2000) से सम्मानित किया गया।
- वह भारतीय हॉकी टीम के कप्तान भी रहे।
धनराज पिल्ले से साक्षात्कार के लिए संभावित प्रश्न:
- प्रारंभिक जीवन और प्रेरणा:
- आपको हॉकी खेलने की प्रेरणा किससे मिली?
- बचपन में आपके कोच या आदर्श कौन थे?
- करियर के अनुभव:
- आपके लिए सबसे यादगार मैच कौन सा रहा और क्यों?
- 1998 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने का अनुभव कैसा था?
- भारतीय हॉकी की वर्तमान स्थिति:
- आपके विचार में आज की भारतीय हॉकी टीम 1990 के दशक की टीम से किस मायने में अलग है?
- क्या आज के खिलाड़ियों के पास उतना संघर्ष है जितना आपके समय में था?
- चुनौतियाँ और संघर्ष:
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव के क्या कारण रहे?
- आपने अपने करियर में किन बड़ी चुनौतियों का सामना किया?
- सलाह और भविष्य:
- युवा हॉकी खिलाड़ियों को आप क्या सलाह देना चाहेंगे?
- क्या आप भारतीय हॉकी के भविष्य को लेकर आशान्वित हैं?
निष्कर्ष:
धनराज पिल्ले जैसे खिलाड़ियों से साक्षात्कार लेने पर उनके संघर्ष, अनुभव और हॉकी के प्रति जुनून के बारे में गहरी जानकारी मिल सकती है। यदि आप उनका इंटरव्यू लेते हैं, तो उनकी प्रेरणादायक कहानियाँ युवाओं के लिए मार्गदर्शक साबित हो सकती हैं।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. यह कोई जरूरी नहीं कि शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए’- क्या आप धनराज पिल्लै की इस बात से सहमत हैं? अपने अनुभव और बड़ों से बातचीत के आधार पर लिखिए।
उत्तर 1- नहीं। अपने अनुभव और बड़ों से बातचीत के आधार पर मैं कह सकता हूँ कि बहुत कम ही लोग ऐसे होंगे जो शोहरत तो चाहते हैं पर बिना पैसों के। आज पैसा मानव जीवन के लिए इतना ज़रूरी हो गया है कि समाज धनहीन व्यक्ति को सम्मान की दृष्टि से नहीं देखता है। वैसे भी कदम-कदम पर पैसा ज़रूरी है। तुलसीदास की इन पंक्तियों से इसका महत्त्व समझा जा सकता है :
तुलसी जग में दो बड़े एक पैसा एक राम ।
राम नाम से मुक्ति है, पैसे से सब काम ||
निर्विवाद रूप से कहा जा सकता है कि लोग शोहरत तो चाहते हैं पर साथ-साथ पैसा भी ।
प्रश्न 2. (क) अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँगना आसान होता है या मुश्किल?
उत्तर- अपनी गलती के लिए माफ़ी माँग लेना बहुत आसान नहीं होता है क्योंकि हमारा अहं इसकी अनुमति नहीं देता है। व्यक्ति अहं को दबा ले या उस पर विजय पा ले तो ऐसा करना आसान बन जाता है।
(ख) क्या आप और आपके आसपास के लोग अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँग लेते हैं?
उत्तर – मैं और मेरे आसपास कई बार लोग माफ़ी माँग लेते हैं और कभी नहीं। यह तो तत्कालीन परिस्थितियों पर निर्भर करता है। वैसे लोगों की प्रवृत्ति होती है कि यदि सामने वाला ज़्यादा ताकतवर होता है तो लोग अपना नुकसान समझकर तथा अपनी विनम्रता का प्रदर्शन करने के लिए ऐसा कर लेते हैं और सामने वाला कमज़ोर हुआ तो अपनी गलती होने पर भी उस पर दोषारोपण करते हैं।
(ग) माफ़ी माँगना मुश्किल होता या माफ़ करना? अपने अनुभव के आधार पर लिखिए।
उत्तर- माफ़ी माँगना या माफ़ करना दोनों ही आसान या मुश्किल होना उस समय की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। एक बार स्कूल जाते हुए मैंने देखा कि एक मोटरसाइकिल पर सवार सज्जन बिना इंडीकेटर के दाहिनी ओर मुड़ गए जिससे पीछे चल रहे रिक्शे के अगले पहिए से उनकी पिछली लाइट टूट गई। गलती भी उन्हीं की थी और रिक्शे वाले के बार-बार माफी माँगने पर भी दो-चार हाथ मारकर पचास रुपए माँगने लगे। यह देखकर तो यही लगता है कि माफ़ करना ही मुश्किल होता है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. नाच कुछ शब्द लिखे हैं जिनमें अलग-अलग प्रत्ययों के कारण बारीक अंतर है। इस अंतर को समझाने के “लिए इन शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए।
प्रेरणा प्रेरक प्रेरित
संभव संभावित संभवत:
उत्साह उत्साहित उत्साहवर्धक
उत्तर 1- (क) प्रेरणा-प्रेरक-प्रेरित
प्रेरणा– माँ से प्रेरणा पाकर ही मैं आज यहाँ तक पहुँच सका हूँ।
प्रेरक- प्रधानाचार्य जी की बातें कितनी प्रेरक हैं
प्रेरित– अध्यापक की बातों से प्रेरित होकर वह पढ़ाई में जुट गया।
(ख) संभव – संभावित संभवत:
संभव – संभव है कि मैं आज शाम को घर न आ सकूँ।
संभावित – इन संभावित प्रश्नों को दोहरा लो । परीक्षा के लिए उपयोगी हैं।
संभवतः – अच्छी बारिश होने से इस साल संभवत: अच्छी फसल हो जाए।
(ग) उत्साह – उत्साहित – उत्साहवर्धक
उत्साह – कंप्यूटर सीखने के लिए उसका उत्साह देखते ही बनता है।
उत्साहित – सचिन तेंदुलकर से मिलने के लिए मैं बहुत ही उत्साहित हूँ।
उत्साहवर्धक – मरीज़ के लिए दवाएँ तथा उत्साहवर्धक बातचीत की भी ज़रूरत है।
प्रश्न 2. तुनुकमिज़ाज शब्द तुनुक और मिज़ाज दो शब्दों के मिलने से बना है। क्षणिक, तनिक और तुनुक एक ही शब्द के भिन्न रूप हैं। इस प्रकार का रूपांतर दूसरे शब्दों में भी होता है, जैसे-बादल, बादर, बदरा, बदरिया, मयूर, मयूरा, मोर, दर्पण, दर्पन, दरपन | शब्दकोश की सहायता लेकर एक ही शब्द के दो या दो से अधिक रूपों को खोजिए। कम-से-कम चार शब्द और उनके अन्य रूप लिखिए।
उत्तर- 2
अंबर आकाश आसमान
पत्थर प्रस्तर पाषाण
बाग बगिया वाटिका
दिन दिवस दिवा
प्रश्न 3. हर खेल के अपने नियम, खेलने के तौर-तरीके और अपनी शब्दावली होती है। जिस खेल में आपकी रुचि हो उससे संबंधित कुछ शब्दों को लिखिए, जैसे- फुटबॉल के खेल से संबंधित शब्द हैं-गोल, बैकिंग, पासिंग, बूट इत्यादि ।
उत्तर-3- क्रिकेट के खेल से संबंधित शब्द हैं- बैट, पिच, रन, स्टम्प, पैड आदि।
Chapter 14 Sangharsh ke karan me tunukmijaj ho gaya: dhanraj – Updated Solution 2024-2025
यह पूरा समाधान 2024-25 के नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार किया गया है। यदि आपको कोई और प्रश्न हैं, तो बेझिझक पूछें! 😊
